जालंधर, 3 अप्रैल : अप्रैल की शुरुआत में ही देश के कई हिस्सों में गर्मी ने अपना भयानक रूप दिखाना शुरू कर दिया है। देश के कई राज्यों में पारा 40 डिग्री के करीब पहुंच गया है। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि तेज धूप और गर्मी के कारण शरीर में डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, कुछ सावधानियां बरतकर और निर्जलीकरण से बचने के लिए बुनियादी उपाय करके इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है।
बाहर निकलने से बचें, पानी साथ रखें
डॉ., सलाहकार, आंतरिक चिकित्सा, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, मुंबई एन. आर. शेट्टी के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अत्यधिक गर्मी से निपटने के लिए हाइड्रेशन महत्वपूर्ण है क्योंकि लंबे समय तक उच्च तापमान के संपर्क में रहने से पसीने के कारण शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे निर्जलीकरण हो सकता है।
उनका कहना है कि अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी के एक अध्ययन में पाया गया है कि हल्के निर्जलीकरण से शरीर का वजन 1 से 2 प्रतिशत कम हो जाता है। निर्जलीकरण के कारण शरीर का तापमान बढ़ जाता है और चक्कर आना, सिरदर्द, थकान और गंभीर मामलों में हीट स्ट्रोक होता है।
हर व्यक्ति की पानी की जरूरतें अलग-अलग होती हैं।
डॉ. सी. के., आंतरिक चिकित्सा निदेशक, बिरला अस्पताल, नई दिल्ली मनीषा अरोड़ा कहती हैं कि पिछले कुछ सालों से हमें दिन में 3 लीटर पानी पीने की सलाह दी जा रही है, जबकि हकीकत में हर व्यक्ति के शरीर की पानी की जरूरत अलग-अलग होती है। उदाहरण के लिए, गतिहीन जीवनशैली वाले लोगों को कम पसीना आता है और उन्हें कम पानी की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार, उच्च तापमान में बाहर काम करने वाले कर्मचारी को वातानुकूलित कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी की तुलना में काफी अधिक पानी की आवश्यकता होगी।
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