चंडीगढ़, 23 अप्रैल: पंजाब सरकार ने बच्चों की विशेष जरूरतों का ध्यान रखते हुए चाइल्डकैअर अवकाश व्यवस्था में संशोधन की सिफारिश की है। इस बीच, राज्य सरकार ने सिफारिश की है कि अब एकल पिता भी चाइल्डकैअर अवकाश का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इसके साथ ही राज्य सरकार ने गंभीर विकलांगता वाले 40 प्रतिशत दिव्यांग बच्चों के लिए ऊपरी आयु सीमा 18 वर्ष में छूट दी है।
यह खुलासा पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने किया। श्री चीमा ने कहा कि ये संशोधन कामकाजी माता-पिता की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किए गए हैं, विशेष रूप से उन माता-पिता की जो बच्चों की देखभाल संबंधी अनूठी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले बाल देखभाल अवकाश नीति केवल 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिग बच्चों वाली महिला सरकारी कर्मचारियों के लिए थी।
यद्यपि यह सुविधा कामकाजी माताओं को आवश्यक सहायता प्रदान करती थी, लेकिन यह विविध पारिवारिक संरचनाओं तथा एकल पिताओं और गंभीर विकलांग बच्चों के माता-पिता के सामने आने वाली विशिष्ट चुनौतियों के लिए अपर्याप्त थी। इसलिए, राज्य सरकार ने बाल देखभाल अवकाश प्रावधानों में दो महत्वपूर्ण संशोधन पेश किए हैं।
ऊपरी आयु सीमा में 18 वर्ष की छूट
प्रथम संशोधन में बाल देखभाल अवकाश का लाभ अब एकल पुरुष अभिभावकों को दिया जाएगा, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिनकी पत्नियां मर चुकी हैं या जिनके पिता तलाकशुदा हैं तथा जिनके पिता अविवाहित हैं। दूसरे संशोधन के तहत सरकार ने गंभीर विकलांगता वाले 40 प्रतिशत विकलांग बच्चों के लिए 18 वर्ष की ऊपरी आयु सीमा में छूट दी है।
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