July 8, 2025

पंजाब को अनाज की ढुलाई के लिए हर महीने 40 रैक की जरूरत…  मिल रहे 20

पंजाब को अनाज की ढुलाई के...

चंडीगढ़, 2 अप्रैल: पंजाब से अनाज की आवाजाही बढ़ाने की मुख्यमंत्री भगवंत मान की मांग के बावजूद इसमें अभी तक कोई तेजी आने के संकेत नहीं दिख रहे हैं। एक सप्ताह पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मामले को लेकर केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री प्रहलाद जोशी से मुलाकात की थी और उनसे अनुरोध किया था कि पंजाब से रोजाना औसतन 40 रैक अनाज की ढुलाई की अनुमति दी जाए ताकि अनाज को दूसरे राज्यों में भेजकर गोदामों को खाली किया जा सके।

इसके साथ ही, अक्टूबर में खरीदे गए 17 मिलियन टन धान को भी इन गोदामों में पीसकर भंडारित किया जा सकेगा। इस अपील के बावजूद पंजाब से प्रतिदिन औसतन 20 से 22 रैक ही भेजी जा रही हैं, जिससे गोदामों में चावल की पिसाई के लिए जगह नहीं बन पा रही है।

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने राज्य के सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को ऐसे स्थानों की पहचान करने को कहा है, जहां पर खुले में गेहूं का भंडारण किया जा सके, जिसकी खरीद एक अप्रैल से मंडियों में शुरू हो गई है। अगले एक महीने में पंजाब की मंडियों में 125 लाख क्विंटल गेहूं आने की उम्मीद है, लेकिन गोदामों में भंडारण के लिए जगह नहीं है, क्योंकि सरकार की प्राथमिकता अक्टूबर में खरीदे गए धान की जल्दी मिलिंग करवाना और चावल को ढके हुए गोदामों में भंडारण करना है, क्योंकि चावल को खुले में भंडारण नहीं किया जा सकता, बल्कि ऐसे गोदामों में रखा जाता है जो पूरी तरह सुरक्षित हों, बिना किसी टूट-फूट के ताकि चावल खराब न हो। विभागीय सूत्रों के अनुसार अक्टूबर माह में 170 लाख टन धान की खरीद हुई थी, जिसमें से अभी तक केवल आधे की ही मिलिंग हो पाई है।

सीएम मान ने प्रह्लाद जोशी के समक्ष यह मुद्दा उठाया

गोदामों में जगह की कमी के कारण मिलर्स मिलिंग से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में मिलर्स के लिए परेशानी यह है कि आने वाले दिनों में जब गर्मी बढ़ेगी तो धान में नमी की मात्रा कम होगी और मिलिंग के दौरान चावल टूट जाएगा। हालांकि, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वास्तव में कितनी मिलिंग हुई है, यह कोई प्रासंगिक प्रश्न नहीं है, क्योंकि मिलिंग के बाद भी यदि चावल मिल में ही पड़ा रहता है, तो कोई लाभ नहीं होता है। प्रासंगिक प्रश्न यह है कि मिल मालिकों द्वारा एफसीआई को कितना चावल दिया गया।