जालंधर, 19 मार्च – पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने तहसीलों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए हाल ही में राज्य भर में 273 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों का तबादला कर दिया है तथा संपत्ति पंजीकरण का काम वकीलों को सौंप दिया है। अब पंजाब सरकार रजिस्ट्रेशन का काम सेवा केंद्रों को सौंपने और लोगों को उनके घर-द्वार पर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए एक और बड़ा फैसला लेने जा रही है।
इसलिए राजस्व विभाग ने पंजीकरण व अन्य कार्यों के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जिसके माध्यम से नागरिक राजस्व विभाग के पोर्टल पर जाकर इन सेवाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं। विभाग ने इन सेवाओं को घर-द्वार पर उपलब्ध कराने के लिए एक मास्टर प्लान भी तैयार किया है। इस सुविधा के शुरू होने के बाद लोग घर बैठे या सेवा केंद्रों के माध्यम से पोर्टल के माध्यम से राजस्व विभाग से संबंधित सभी दस्तावेजों के लिए पंजीकरण फार्म भर सकेंगे।
पटवारी व कानूनगो या तहसील व उप-तहसील से संबंधित कोई भी कार्य अब सेवा केंद्र के कर्मचारियों द्वारा किया जा सकेगा। पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, सेवा केंद्रों के कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया आज से शुरू कर दी गई है। राजस्व पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इस कार्य को अंतिम रूप देने के लिए योजना के तहत कई आवश्यक सॉफ्टवेयर मॉड्यूल विकसित किए हैं।
मान सरकार करने जा रही है बड़ा बदलाव
इस संबंध में आज सेवा केन्द्रों के कर्मचारियों को मास्टर ट्रेनर द्वारा 2 घंटे का प्रशिक्षण दिया गया। गौरतलब है कि सहायक मुख्य सचिव द्वारा सभी जिलों के उपायुक्तों को जारी पत्र के अनुसार उक्त प्रशिक्षक ए. डी। सी। या एस. डी। तहसीलदार और नायब तहसीलदार के अलावा एक जिला सिस्टम मैनेजर (डीएसएम), 2 सहायक सिस्टम मैनेजर (एएसएम), सेवा केंद्र के मास्टर ट्रेनर, जिला तकनीकी समन्वयक (डीआईटीएम) और सेवा केंद्र के प्रभारी होंगे, जिनका चयन उपायुक्त द्वारा किया जाएगा।
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