चंडीगढ, 13 अप्रैल : सुखबीर बादल को आज शिरोमणि अकाली दल के आम अधिवेशन में पुन: पार्टी का अध्यक्ष चुना गया। श्री अकाल तख्त साहिब से मिली धार्मिक सजा के बाद, पार्टी ने नई सदस्यता अभियान की शुरुआत की और दावा किया कि अब तक 26 लाख नए सदस्य बनाए जा चुके हैं। इन सदस्यों में से चुने गए प्रतिनिधियों ने अगले पांच वर्षों के लिए एक बार फिर सुखबीर बादल को पार्टी की बागडोर सौंप दी है। हालांकि, सुखबीर बादल के लिए चुनौतियां यहीं समाप्त नहीं होतीं, क्योंकि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
अकाल तख्त का भर्ती अभियान चुनौती
सुखबीर बादल की स्थिति और भी जटिल हो जाएगी, विशेषकर उस समानांतर भर्ती अभियान के कारण जो श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा गठित समिति द्वारा चलाया जा रहा है। इस समिति के तहत प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, मनप्रीत अयाली, इकबाल सिंह झुंडन, बीबी जागीर कौर जैसे कई वरिष्ठ नेता शामिल हो गए हैं। यह स्थिति सुखबीर बादल के लिए एक नई चुनौती प्रस्तुत करती है, क्योंकि पार्टी के भीतर एकता बनाए रखना और विभिन्न धड़ों के बीच सामंजस्य स्थापित करना आवश्यक होगा।
इस प्रकार, सुखबीर बादल को न केवल अपनी पार्टी के भीतर की राजनीति को संभालना होगा, बल्कि उन्हें अपने विरोधियों के साथ भी सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता होगी। यह समय उनके लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जहां उन्हें अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित करने का अवसर मिलेगा। यदि वे इस चुनौती को सफलतापूर्वक पार कर लेते हैं, तो यह न केवल उनकी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि पार्टी के भविष्य के लिए भी एक सकारात्मक संकेत होगा।
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