कराची, 6 अप्रैल : पाकिस्तान की सेना अब हथियारों के लिए पूरी तरह से चीन पर निर्भर है। जब से अमेरिका ने पाकिस्तान से मुंह मोड़ा है, तब से पाकिस्तान की नजरें सिर्फ अपने सबसे बड़े दोस्त ड्रैगन पर टिकी हैं। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) की नवीनतम रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले पांच वर्षों में पाकिस्तान ने जितने हथियार खरीदे हैं, उनमें से 81 प्रतिशत अकेले चीन से आए हैं।
ड्रैगन के शिकंजे में फंसा पाकिस्तान
इससे पहले यह आंकड़ा 74 फीसदी था, यानी पाकिस्तान अब ड्रैगन के शिकंजे में और भी ज्यादा मजबूती से फंस चुका है। चीन के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए पाकिस्तान अपनी सेना को मजबूत करने के बारे में सोच रहा है, लेकिन वह यह भूल रहा है कि किसी एक देश पर अत्यधिक निर्भरता उसे हमेशा भारी नुकसान में डाल सकती है।
एसआईपीआरआई की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना की हर जरूरत अब बीजिंग की दया पर निर्भर है, चाहे वह राइफलें हों, जेट लड़ाकू विमान हों या युद्धपोत। अब पाकिस्तान के लिए चीन पर निर्भरता के बिना एक भी कदम उठाना मुश्किल है।
इस्लामाबाद अजय जे-35ए. अमेरिका एफ-15 जैसे स्टील्थ लड़ाकू विमानों की खरीद को अंतिम रूप दे रहा है, जिसकी कीमत अरबों डॉलर हो सकती है। इसके साथ ही ‘जे-17’ जेट भी। टी-4 टैंक, विजऩ ड्रोन और गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट सभी चीन से आते हैं, लेकिन इस बढ़ती दोस्ती का एक स्याह पक्ष भी है। यदि पूर्व भारतीय सैन्य अधिकारियों की बात पर विश्वास किया जाए तो यह निर्भरता पाकिस्तान को बड़ी मुसीबत में डाल सकती है।
यह भी देखें : https://bharatdes.com/now-this-indian-will-raise-the-flag-of-india-in-space/
More Stories
पाकिस्तान में हाई-लेवल बैठकों से सियासी तूफान, राष्ट्रपति शासन की अटकलें तेज
ट्रंप की 100% टैरिफ की धमकी पर रूस भड़का, विदेश मंत्री बोले- ‘हम तैयार हैं…’
ट्रम्प-समर्थक क्रिप्टो बिल को झटका, अमेरिकी कांग्रेस में पारित नहीं हो सका